Mood off Shayari is an expression of the deep emotions that one goes through during tough or disappointing times. It is a way to channel the feelings of sadness, frustration, or melancholy into beautiful words. These shayaris capture the essence of those moments when everything seems to be going wrong, and your heart feels heavy. Whether it’s the feeling of loneliness, broken trust, or simply a day when things don’t seem right, mood off shayari serves as an outlet for these emotions. Often, people turn to mood off shayari to express their inner turmoil and to connect with others who might be going through similar situations. It helps to put feelings into words and gives a sense of relief when shared with others.
Here are 50+ Mood Off Shayari in Hindi that express feelings of disappointment, sadness, or frustration:
चुपचाप बैठा हूँ, दुनिया से दूर,
दिल में सुलग रही है एक अदृश्य आग, तो है दूर।
फैसले खुद से करने की आदत है,
मगर आजकल दिल की सुननी पड़ती है, क्योंकि मोड ऑफ है।
कभी कभी ऐसा होता है, कि कोई समझे न,
सिर्फ अपना दिल टूटे, और कोई न कहे कुछ भी।
दिल में एक घाव है, दर्द है बहुत,
मुझसे अब ना कोई बात करो, मैं तो मौन हूँ।
ना दर्द सुन सकता हूँ, ना किसी से बात कर सकता हूँ,
आजकल मैं खुद से भी बहुत दूर जा सकता हूँ।
खुश रहने की वजहें अब खत्म हो गई हैं,
आजकल मेरा मूड पूरी तरह से ऑफ हो गया है।
तन्हाई में खो गया हूँ, फिर भी मुस्कुरा रहा हूँ,
लेकिन दिल में कुछ टूटने जैसा हो रहा हूँ।
आँखों से आंसू न गिरे, पर दिल में तूफ़ान है,
आजकल मन बिल्कुल भी ठीक नहीं है।
जो मैंने सोचा, वो अब मेरे हाथों में नहीं है,
कहीं कुछ तो गड़बड़ हो गई है।
बहुत दर्द होता है, जब दिल का हाल कोई न समझे,
मैं बस मौन हूँ, मगर दिल में तूफ़ान है।
तुमसे दूर होने के बाद एक खामोशी सी आ गई है,
अब ना हंसी है, और ना ही खुशी है।
मूड ऑफ है, क्योंकि दिल फिर से तूट गया,
जो भरोसा था, वो फिर से खो गया।
कभी तो ऐसा लगता है, जैसे सब खो चुका हूँ,
अपनी ही दुनिया में खो गया हूँ।
अब तो आदत हो गई है, हर दिन रोने की,
हर कदम पर लगता है, अब किसी से नहीं हो सकती उम्मीद।
न समझ पाओगे तुम, इस खामोशी के अंदर की कहानियाँ,
चुप रहकर जी रहा हूँ, बस यही है अब मेरी असलियत।
रातों को जागकर मैं खुद से बातें करता हूँ,
दिल की जो खामोशी है, वही तो अब मेरी पहचान है।
कभी कभी खुद से भी नहीं मिल पाता हूँ,
मन के अंदर इतना ग़म छुपा बैठा हूँ।
जो चाहा था कभी, वो अब सपना सा लगता है,
दिल से दिल मिलने की उम्मीद अब खत्म हो चुकी है।
यह मुस्कान अब नकली है, दिल में कुछ और ही है,
आजकल मन नहीं करता कुछ भी करने के लिए।
मुझसे यह उम्मीद मत रखना कि मैं हमेशा खुश रहूँ,
कभी कभी मूड off हो जाता है, और फिर कुछ नहीं रह जाता।
जितना चाहा, उतना मिला नहीं,
अब दिल में जो खामोशी है, वो किसी से कह नहीं सकता।
जब भी यादों का सिलसिला चलता है,
तब दिल में एक खामोशी सी छा जाती है।
राहों में खो गया हूँ, एक अजनबी सा,
यह मूड ऑफ होने की आदत अब बन गई है।
दूसरों की हंसी देखकर अब खुद को भी खो बैठा हूँ,
हर खुशियाँ अब मुझे सिखाती हैं, फिर से दिल से टूटने का तरीका।
तुमसे बात करने की इच्छा अब खत्म हो गई है,
मन में सिर्फ एक खामोशी सी है, जो मुझे खाए जा रही है।
मन भारी सा हो गया है, अब कुछ समझ में नहीं आता,
खामोशी की चुप्पी में मैं बस खो जाता हूँ।
दिल से दिल तक रास्ता कभी साफ नहीं था,
इसलिए आजकल मैं अपनी राह खुद ही खो बैठा हूँ।
क्या बताऊं तुमसे, जब मैं खुद को नहीं समझ पा रहा,
दिल की हालत अब ऐसी है, मैं खुद से भी डरता हूँ।
मुझे नहीं चाहिए अब कोई सहारा,
क्योंकि मेरी तन्हाई ही मेरी सबसे बड़ी साथी है।
खुश रहने की आदतें अब कहीं खो गई हैं,
दिल में शांति की बजाय, खामोशी ने अपना घर बना लिया है।
मैं अब अपने ही ख्यालों में खो गया हूँ,
जिन्हें कभी खुद से भी छुपा नहीं पाया हूँ।
कुछ छुपाने की आदत है अब,
क्योंकि मेरे दिल की हालत अब खुद से भी ज्यादा बिगड़ चुकी है।
जो हुआ, उसका मुझे कोई मलाल नहीं है,
बस अब यह खामोशी मुझे बहुत कुछ बता देती है।
खामोशी अब मेरी पहचान बन गई है,
दिल की हर बात अब अपनी ही आँखों से समझने लगी है।
कभी कभी ऐसा लगता है कि सब कुछ खत्म हो गया,
अब कुछ नहीं बाकी, सिर्फ तन्हाई रह गई है।
मुझे खुद से भी अब डर लगने लगा है,
दिल की आवाज़ अब मुझे और किसी से नहीं सुनाई देती।
चुपचाप बैठ कर खुद से बातें करता हूँ,
अब दिल की कहानियाँ किसी से भी नहीं कह सकता।
हर रास्ते पे ग़म है, हर मोड़ पे रुकावटें,
अब दिल में बस यही विचार है कि क्या फायदा इस जीवन का।
खुश रहना अब कोई आदत नहीं रही,
कभी कभी सिर्फ जीने की चाहत ही बन जाती है।
इस दिल को अब किसी की हंसी से राहत नहीं मिलती,
जब से तुम दूर गए हो, हर चीज़ फीकी लगती है।
मुझे समझने वाला अब कोई नहीं है,
मैं खामोश हूँ, पर अंदर से टूटा हुआ हूँ।
मन में दर्द है, मगर जुबान से कुछ नहीं निकलता,
सिर झुका कर जी रहा हूँ, एक दर्द भरी चुप्पी के साथ।
क्या कहूँ, अब तो मुझे अपने आप से भी नफरत होने लगी है,
खुश रहने की कोशिश में, अपनी खुशी खो दी है।
कुछ रिश्ते दिल से जुड़े होते हैं,
जब वो टूटते हैं, तो सिर्फ दिल नहीं, सारी दुनिया भी टूट जाती है।
हर दिन दिल में एक खालीपन सा लगता है,
जबसे तुम दूर हो, सब कुछ बदल सा गया है।
दुनिया को हंसी में छुपा नहीं सकता,
दिल की आवाज़ अब मुझे खुद सुनाई देती है।
कभी कभी यह लगता है कि मैं खुद से ही हार चुका हूँ,
अब हर कदम पर, हर खामोशी में, खुद को खो चुका हूँ।
जबसे तुझे खो दिया है, दिन की शुरुआत भी अब कुछ अलग सी लगती है,
मूड ऑफ रहने की आदत अब बन गई है।
जब इंसान अकेला महसूस करता है,
तो उसकी मुस्कान भी उसे झूठी लगने लगती है।
दिल में बहुत कुछ है कहने के लिए,
लेकिन मौन रहकर सब कुछ सहने के लिए तैयार हूँ।
हर दिन ऐसा लगता है जैसे जीने का कोई कारण नहीं,
मुझे तो अब बस खामोशी में ही सुकून मिलता है।